भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
| रचनाकार= जहीर कुरैशी |संग्रह=भीड़ में सबसे अलग / जहीर कुरैशी}} [[Category:ग़ज़ल]]<poem>  
ये सच है देह के बाहर भी देखना होगा
मगर कभी —कभी अंदर भी देखना होगा