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{{KKRachna
|रचनाकार=शार्दुला नोगजा
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}<poem>ओ नदी ! मैं बन के धारा
या कि बन दूजा किनारा
संग तेरे चल पडूँगी, नाम ले मुझको बुलाओ
नाम ले मुझको बुलाओ !
</poem>