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05:15, 7 सितम्बर 2020 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रमेश तन्हा
|अनुवादक=
|संग्रह=तीसरा दरिया / रमेश तन्हा
}}
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<poem>
इस आलमे-शष जिहात में मेरा वजूद
हस्ती की वारिदात में मेरा वजूद
ज़र्रा हूँ जमां मकां की रखता हूँ खबर
वरना इस कायनात में मेरा वजूद।
</poem>