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आततायियों से क्या लड़ने वाला कोई है
लोग बेख़बर जु़ल्म रोकने वाला कोई है
चन्द्रयान के बारे में सबको जिज्ञासा हो
क्या ग़रीब का हाल पूछने वाला कोई है
राष्ट्रवाद का नशा चढ़ा है सत्ताधीशों को
देश जा रहा कहाँ सोचने वाला कोई है
बेगुनाह चौरस्ते पर मारे जाते हर दिन
गुनहगार को मगर पकड़ने वाला कोई है
डींग हाँकने वाले तो बहुतेरे घूम रहे
भ्रष्ट हुकूमत मगर बदलने वाला कोई है
लोग स्वार्थ में अंधे उनसे क्या उम्मीद करें
भूल जाइये जनहित करने वाला कोई है
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