भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
{{KKCatGhazal}}
<poem>
हुस्न पर बेझिझक नज़र डालो
खूबसूरत गुनाह कर डालो
सारा मंज़र हसीन कर डालो
प्यार की फिर नज़र इधर डालो
नाम महबूब के जो ख़त लिक्खो
उसमें कुछ सुर्खिए-जिगर डालो
 
फिर कहो बात जो भी कहनी हो
शेर में पहले कुछ असर डालो
 
चोट खाने को भी तैयार रहो
ओखली में जो अपना सर डालो
 
उम्र भर जिसको याद करते रहो
भूल ऐसी भी कोई कर डालो
</poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,393
edits