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जब म तिमीलाई देख्छु
एउटा आकाश जत्तिकै तिमी होचिएर
तिम्रो अभिनय असफल छ, मेरो विगतका असफल सपना जस्तै।
'''लीजिए, अब पढ़िए, इसी कविता का हिन्दी अनुवाद'''  कृष्ण पाख्रिन एक टुकड़ा बादल और मेरे सपने  जब देखता हूँ मैं तुम्हेंआकाश की तरह नीचे आकरझुकी होती हो पहाड़ी के माथे पर,औरबिखरी हुई क्षितिज के ऊपर,मानो आकाश में कहीं इन्द्रकमल का फूल खिला हो;उस समय तुम्हेंबादल का एक टुकड़ा कहने को मन होता है । हाँ, मन होता है उस हरी पहाड़ी में सेचाँद उगाने वाला उस क्षितिज में सेतुम्हें उठाकर,बान्ध लूँ अपनी आँखों के ख़ाली फ्रेम में । और 'ख़ाली' का अस्तित्व मिटा दूँ ।...................................................................
लेकिन मेरा ''यस कविताको हिन्दी अनुवाद-'' '''[[एक टुकड़ा बादलमुझ से दूरछतों पर आकरआँसुओं की बून्दों के अन्दर रोते हुए, हँसने का अभिनय करता हैऔर मेरे सपने / कृष्ण पाख्रिन / सुमन पोखरेल]]'''
तब यह कहने को मन होता है – मेरी नायिका !''इस कविता का हिंदी अनुवाद-'' असफल है तुम्हारा अभिनय,विगत के '''[[एक टुकड़ा बादल और मेरे असफल सपने की तरह ।/ कृष्ण पाख्रिन / सुमन पोखरेल]]'''
'''नेपाली से सुमन पोखरेल द्वारा अनूदित'''
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