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प्रकाशमयी नीरवता
आकाश से उतरी
और मेरी आत्मा से आ मिली!
ज्ञानवान नीरवता
आसपास फैलीफैलेगीजल ने ज़मीन को गले लगा लियालगाएगा
अरे, यह प्रकाश
श्वेतों के बीच करता है
अपने कृष्ण हंसों को
दुग्ध श्वेत हंस !
'''मूल रूसी भाषा से अनुवाद : अनिल जनविजय'''