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{{KKRachna
|रचनाकार=बैर्तोल्त ब्रेष्त
|अनुवादक= उज्ज्वल भट्टाचार्य
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<Poem>
लिखने के डेस्क पर खड़े-खड़े
खिड़की से देखा मैंने बगीचे में एल्डर बेर का झाड़
और उसमें कुछ लाल और कुछ काला सा
और मुझे अचानक याद आ गए वे एल्डर
मेरे बचपन में आउग्सबुर्ग के ।
कई मिनटों तक मैं सोचता रहा
पूरी संजीदगी के साथ,
कि मैं मेज़ के पास लौट जाऊँ
अपनी ऐनक लाने के लिए,
ताकि फिर एक बार
लाल शाखों पर लटके काले बेर देख सकूँ ।
(1955)
'''मूल जर्मन भाषा से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य'''
</poem>
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|अनुवादक= उज्ज्वल भट्टाचार्य
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लिखने के डेस्क पर खड़े-खड़े
खिड़की से देखा मैंने बगीचे में एल्डर बेर का झाड़
और उसमें कुछ लाल और कुछ काला सा
और मुझे अचानक याद आ गए वे एल्डर
मेरे बचपन में आउग्सबुर्ग के ।
कई मिनटों तक मैं सोचता रहा
पूरी संजीदगी के साथ,
कि मैं मेज़ के पास लौट जाऊँ
अपनी ऐनक लाने के लिए,
ताकि फिर एक बार
लाल शाखों पर लटके काले बेर देख सकूँ ।
(1955)
'''मूल जर्मन भाषा से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य'''
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