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चमन के रंग ओ बू में तू, मचलती आरज़ू में तू,
वफ़ा की जुस्तजू में तू, तुझी पे ज़ीस्त वार दूँ।
रगों में तू ही है रवां, है धड़कनों में तू जवां, तुझी से है सुकून ए जाँ, तो क्यों न तुझको प्यार दूँ।
तू रूह में चमक उठा, तू ख़्वाब में झलक उठा,
तेरे जमाल पर लुटा दूं मैं जहाँ की शोखियां,
तुझी से है मेरी अदा, तुझी से हैं ये मस्तियाँ,
नज़र को भा गया है तू , कि दिल पे छा गया है तू,
तेरी पनाह में तमाम ज़िंदगी गुज़ार दूं।
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