भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=धनवीर भँडारी |अनुवादक= |संग्रह=भै...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=धनवीर भँडारी
|अनुवादक=
|संग्रह=भैँचालाको सवाई (पहिलो भाग) / धनवीर भँडारी
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatNepaliRachna}}
<poem>
चौवन साल महाँ जगत घडोलियो।
सबले जानुन भनी दोहा खोलियो ॥
बयालीस जङ्गीका साथ रहन्छु ।
पल्टनका हवाल थोडा धेर कहन्छु ॥६३॥
</poem>
Mover, Reupload, Uploader
10,400
edits