भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
‘आओ, फिर से चलें उलटी धारा में।’
'''(मार्क्स की 200वीं और राहुल की 125वीं जयन्ती पर पटना मेंआयोजित प्र्गतिशील प्रगतिशील लेखक संघ ग्द्वारा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम से लौटने के बाद ।)'''
</poem>