भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=धर्मवीर भारती |अनुवादक= |संग्रह= }}...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=धर्मवीर भारती
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatNavgeet}}
<poem>
ये अनजान नदी की नावें
जादू के से पाल
उड़ातीं
आतीं
मन्थर चाल ।

नीलम पर किरणों
की साँझी
एक न डोरी
एक न माँझी,
फिर भी लाद निरन्तर लातीं
सेन्दूर और प्रवाल !

कुछ समीप की
कुछ सुदूर की,
कुछ चन्दन की
कुछ कपूर की,
कुछ में गेरू
कुछ में रेशम
कुछ में केवल जाल ।

ये अनजान नदी की नावें
जादू के से पाल
उड़ातीं
आतीं
मन्थर चाल ।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,606
edits