भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मल्सोमि जैकब |अनुवादक=यादवेन्द्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=मल्सोमि जैकब
|अनुवादक=यादवेन्द्र
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
सपना जब मर जाए
तब मुँह से रुलाई भी
मुश्किल से निकलेगी
इसलिए बैठकर बहा लो आँसू

कुछ पल दुःख मना लो
फिर उसकी लाश कहीं दूर जाकर
गाड़ आओ ताकि
कभी नज़र न पड़े ।

'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : यादवेन्द्र'''
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits