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बहुत विस्तृत है यह बर्बरता
तीर्थयात्रियों के लिए
पवित्र भूमि की ज़रूरत बढ़ती चली जाती हैं;
जब-जब उनकी सांस की गति बढ़ने लगती है
ऊर्जा की गति की तरह;
उत्तर की ओर खुलने वाले कमरे में सर्दी गाती है;
उनके आगे-पीछे हमेशा जैसे बारह बजे रहते हैं
उनकी कुँवारी बहनें
अपने गुरुत्वाकर्षण से उस उड़ जाने वाले शरीर को
वापिस खींच लाती हैं ।
मैं उस सावधान शिकारी-शेर को जानती हूँ;
घोर अन्धेरे में उसकी ठुड्डी पर
रक्त लगा हुआ था।
उसके बाल लहरा रहे थे धुन्ध में
जब वो पत्तों के पीछे छिपा हुआ था
पर वही शेर
वहाँ से बाहर निकलने के बाद
एक मरे हुए शेर और एक नीले कौवे में बदल जाता है ।
और नीले कौवे ने हवा को रोक लिया है,
मैं उन्हें तैयार आग में फेंक देती हूँ
एक चीख़ निकलती है मुँह से और तुम्हारी माँ कराहती है
उस दर्द भरी सुबह
एक बार की बात है एक देश में एक राजा था
और उसके सभी युवा हंस जंगल में थे
प्यार करता है वह मुझे
और हमेशा मुझे
सबके सामने समाज की
आठवें वर्ग की गुलाम कहता है
और कहता है —
प्रभुकन्या ! तुम्हारी यह मुस्कान अच्छी निशानी नहीं है,
ऐसे मत हंसा करो !
'''मूल बांगला से अनुवाद : अनिल जनविजय'''