भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रामकुमार कृषक |अनुवादक= |संग्रह=स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रामकुमार कृषक
|अनुवादक=
|संग्रह=सुर्ख़ियों के स्याह चेहरे / रामकुमार कृषक
}}
{{KKCatNavgeet}}
<poem>
एक आदिम गन्ध
एक आदिम गन्ध
आदिम छन्द का निर्वाह
आदमीयत से परे कोई नहीं परवाह !
लीक बन्धन बुजुर्गी
इस बार अस्वीकार
सभ्यता के घुप अन्धेरों में भटकती / टूटती
हर रोशनी स्वीकार,
पाँव मैले ही करेंगे
अब उजाली राह !
शब्द / संज्ञा / अर्थ-लय
सब वर्ण के मुँहताज
काव्य का यह तख़्ते-ताउस / और इस पर
ताजपोशी के लिए बेताज,
अब कहाँ अभिषिक्त होंगे
चन्द थैलीशाह !
27-9-1976
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=रामकुमार कृषक
|अनुवादक=
|संग्रह=सुर्ख़ियों के स्याह चेहरे / रामकुमार कृषक
}}
{{KKCatNavgeet}}
<poem>
एक आदिम गन्ध
एक आदिम गन्ध
आदिम छन्द का निर्वाह
आदमीयत से परे कोई नहीं परवाह !
लीक बन्धन बुजुर्गी
इस बार अस्वीकार
सभ्यता के घुप अन्धेरों में भटकती / टूटती
हर रोशनी स्वीकार,
पाँव मैले ही करेंगे
अब उजाली राह !
शब्द / संज्ञा / अर्थ-लय
सब वर्ण के मुँहताज
काव्य का यह तख़्ते-ताउस / और इस पर
ताजपोशी के लिए बेताज,
अब कहाँ अभिषिक्त होंगे
चन्द थैलीशाह !
27-9-1976
</poem>