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|रचनाकार= विहाग वैभव
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}}
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<poem>
अगर एक पहलवान चित्त होता है
तो उसका अखाड़ा दुखी होता है
एक पहलवान की हार में
अखाड़े की हार शामिल है
जैसे
अपने ही देश से लड़ती हुई लड़की की हार में
देश की हार शामिल होती है
मगर
मर्दों की बनाई
इस दुनिया के ख़िलाफ़ लड़ती हुई लड़की
कभी हारती नहीं
या तो लड़की जीतती है
या देश हारता है ।
</poem>
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तो उसका अखाड़ा दुखी होता है
एक पहलवान की हार में
अखाड़े की हार शामिल है
जैसे
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देश की हार शामिल होती है
मगर
मर्दों की बनाई
इस दुनिया के ख़िलाफ़ लड़ती हुई लड़की
कभी हारती नहीं
या तो लड़की जीतती है
या देश हारता है ।
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