बोला, 'बीड़ी लेकर आ'
बीड़ी का पूड़ा लेके आई
'चिकन लेके आ रंडीरण्डी'
चिकन ले के आई
'दारू ला'
दारू लेके आई.।
माफ़ करना मेरी क्रांतिकारी दोस्तों , मेरे क्रान्तिकारी दोस्तो ! मैं सब लाई , जो जो दरोगा ने मंगाया मेरी बिटिया भूखी थी घर पर।
दरोगा ने माँगा फिर मेरा पेटीकोट
मैं उसके मुंह पर थूक आई
भागी, पीछे से मारी उसने गोली मेरी पिंडली पिण्डली पर मगर मैंने उतारा नहीं अपना पेटीकोट।पेटीकोट ।
पेटीकोट-२
एक चीर से ढँक लेती है शरीर
आप सर , आप मेडम
आप सदियों से नहीं आए हमारे देस
आपने कहा — बैठा नहीं सकता कोई दरोगा किसीको चार दिन चार रात थाने पर।आप सर , आजादी से पहले आए होगे
हमारे गाँव
वो आजादी , जो आपके देश को मिली थी १९४७ में।
आप नहीं आए हमारे जंगल
तो हम औरतें नहीं छोड़ती अपने खसम
कि दो रोटी लाता है रात को एक टेम लाता है
पर लाता है , लात मारता है , पर रोटी लाता है
रोटी है तो दूध है
दूध है तो मेरा बच्चा
आप नहीं आए हमारे गाँव
नहीं तो पूछते क्यों — औलाद से माया रखती है दोपदी
क्या करेगा तेरा बच्चा
भूखा दिन काटेगा , जंगल जंगल भटकेगा और मरेगा
आप नहीं आए हमारे गाँव