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जो , ज़माने के लिए इक नज़ीर होते हैं।
कभी गरचे घायल नहीं हुए तो आप क्या जानें
हृदय को बेधने वाले भी तीर होते हें।
इसी को इसको ही दोस्तो जम्हूरियत कहा जाताचोर -उचक्के भी देश के वज़ीर होते हैं ।
जिसे जिसको भी देखिये वो ऑख मॅूद लेता हैजाने क्यों हमीं हम ही इतने अधीर होते हैं।
लीक से हट के चलोगे तो लोग बोलेंगे
लोग सदियों से पीटते लकीर होते है।
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