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Kavita Kosh से
जो , ज़माने के लिए इक नज़ीर होते हैं।
हृदय को बेधने वाले भी तीर होते हें।
लीक से हट के चलोगे तो लोग बोलेंगे
लोग सदियों से पीटते लकीर होते है।
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