भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अहमद शामलू |अनुवादक=श्रीविलास सि...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=अहमद शामलू
|अनुवादक=श्रीविलास सिंह
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
वह जो कहता है कि मैं प्यार करता हूँ तुम्हें
है एक शोकाकुल कवि
जिसने खो दिए हैं अपने गीत ।
काश ! प्यार को
होती जुबान बोलने के लिए ।
हज़ार ख़ुश लवा पक्षी
उड़ते हैं तुम्हारी आँखों में,
हज़ार बुलबुलें
चुप हो जाती है मेरे गले में ।
काश ! प्यार को
होती ज़ुबान बोलने के लिए ।
वह जो कहता है मैं तुम्हें प्यार करता हूँ
है रात्रि का नील हृदय
तलाश में चाँदनी की ।
काश ! प्यार को
होती ज़ुबान बोलने के लिए ।
हज़ार हंसते हुए सूर्य
तुम्हारे क़दमों में
हज़ार रोते हुए तारे
मेरी कामना में ।
काश ! प्यार केवल बोल पाता ।
'''शोलेह वोलपे के अँग्रेज़ी अनुवाद से हिन्दी में अनुवाद : श्रीविलास सिंह'''
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=अहमद शामलू
|अनुवादक=श्रीविलास सिंह
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
वह जो कहता है कि मैं प्यार करता हूँ तुम्हें
है एक शोकाकुल कवि
जिसने खो दिए हैं अपने गीत ।
काश ! प्यार को
होती जुबान बोलने के लिए ।
हज़ार ख़ुश लवा पक्षी
उड़ते हैं तुम्हारी आँखों में,
हज़ार बुलबुलें
चुप हो जाती है मेरे गले में ।
काश ! प्यार को
होती ज़ुबान बोलने के लिए ।
वह जो कहता है मैं तुम्हें प्यार करता हूँ
है रात्रि का नील हृदय
तलाश में चाँदनी की ।
काश ! प्यार को
होती ज़ुबान बोलने के लिए ।
हज़ार हंसते हुए सूर्य
तुम्हारे क़दमों में
हज़ार रोते हुए तारे
मेरी कामना में ।
काश ! प्यार केवल बोल पाता ।
'''शोलेह वोलपे के अँग्रेज़ी अनुवाद से हिन्दी में अनुवाद : श्रीविलास सिंह'''
</poem>