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|रचनाकार=अहमद शामलू
|अनुवादक=श्रीविलास सिंह
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<poem>
वह जो कहता है कि मैं प्यार करता हूँ तुम्हें
है एक शोकाकुल कवि
जिसने खो दिए हैं अपने गीत ।

काश ! प्यार को
होती जुबान बोलने के लिए ।

हज़ार ख़ुश लवा पक्षी
उड़ते हैं तुम्हारी आँखों में,
हज़ार बुलबुलें
चुप हो जाती है मेरे गले में ।

काश ! प्यार को
होती ज़ुबान बोलने के लिए ।

वह जो कहता है मैं तुम्हें प्यार करता हूँ
है रात्रि का नील हृदय
तलाश में चाँदनी की ।

काश ! प्यार को
होती ज़ुबान बोलने के लिए ।

हज़ार हंसते हुए सूर्य
तुम्हारे क़दमों में
हज़ार रोते हुए तारे
मेरी कामना में ।

काश ! प्यार केवल बोल पाता ।

'''शोलेह वोलपे के अँग्रेज़ी अनुवाद से हिन्दी में अनुवाद : श्रीविलास सिंह'''
</poem>
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