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Kavita Kosh से
छले जा छले जा छला जाए जब तक
गला तेरा अच्छाई घोंटेगी घोटेगी इक दिन
बुराई में पल तू पला जाए जब तक
सनम तू जले जा जला जाए जब तक
'रक़ीब' आतिशे ग़म बना देगी कुन्दन
गले जाओ पल पल गला जाए जब तक
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