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ऊपर उठाओ अपना चूमने लायक, चौड़ा - गोरा माथा
आज कोई रंज नहीं, कोई उदासी नहीं —
कत्तई नहीं ! ...
आज नाज़िम हिकमत की बीवी को बहुत ख़ूबसूरत दिखना है जैसे किसी बाग़ी का झण्डा ...!
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : मनोज पटेल'''
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