भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=महमूद दरवेश |अनुवादक=श्रीविलास स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=महमूद दरवेश
|अनुवादक=श्रीविलास सिंह
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
मैं वहाँ का हूँ । मेरी हैं ढेरों स्मृतियाँ ।
मैं पैदा हुआ था जैसे हर कोई पैदा हुआ है ।
मेरी एक माँ है, एक घर बहुत-सी खिड़कियों वाला,
भाई, मित्र, और जेल की कोठरी बर्फ़-सी ठण्डी खिड़की वाली !

मेरे पास है एक लहर सीगुल द्वारा छीन ली गई,
मेरी अपनी चित्रमाला ।
मेरे पास है एक सघन चारागाह ।
अपने शब्द के क्षितिज की गहराई में,
मेरे पास है चाँद, एक चिड़िया की जीविका,
और जैतून का एक अमर वृक्ष ।

मैं जिया हूँ इस धरती पर
तलवारों द्वारा मनुष्य को शिकार में बदल देने से पूर्व ।

मैं वहाँ का हूँ ।
जब स्वर्ग विलाप करता है अपनी माँ के लिए,
मैं लौटा देता हूँ स्वर्ग को उसकी माँ ।

मैं रोता हूँ ताकि एक वापस लौटता बादल
ले जा सके मेरे आँसू ।

तोड़ने के नियम, मैने सीख लिए हैं
तमाम शब्द जो ज़रूरी हैं अग्निपरीक्षा हेतु ।
मैने सीखे और खण्डित कर दिए सारे शब्द
निकालने को उनमें से बस एक शब्द : घर ।

'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : श्रीविलास सिंह'''
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,248
edits