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बेदाग़ है वो क़ातिल इंसाफ़ की नज़र मेंहाल अच्छा बुरा सब भुला दीजियेगुंडे पनाह पायें , तहज़ीब के नगर मेंदोस्त आये हैं बस मुस्करा दीजिये
सच बोल कर वो हारा, बेमौत जाय माराकैसे बचाए खुद को, ईमान की नज़र दिल मेंक्या आपके देखता कौन है अपनी नज़रों का जलवा दिखा दीजिये
बुज़दिल हज़ार मौतें मरता है , पर बहादुरदूसरा मेरे जैसा मिलेगा कहाँइक बार में फ़ना हो लड़ते हुए समर मेंमुझको अपना बनाकर दगा दीजिये
राहें बचा के जिसकी चलते थे कल तलक हमतुम ही कहते हो मुझको कुछ आता नहींवह देवता बना है लोगों की अब नज़र मेंमुझको चालाकियाँ कुछ सिखा दीजिये
कल तक जो बाज़ुओं की ताक़त दिखा रहा थाहर तरफ़ आपका राज क़ायम रहेदहशत के मारे वह भी, दुबका है अपने घर मेंआह निकले कोई तो दबा दीजिये
कुछ फ़ायदे इधर तो कुछ फ़ायदे उधर भीरात आधी गयी, नींद आती नहींनुकसान बस उन्हीं का लटके हैं जो अधर मेंकोई मीठी सी लोरी सुना दीजिये
माना नकाब में अब , रहता है छुप के लेकिनहो नवाज़िश करम शुक्रिया आपकावो भेड़िया बराबर, रहता मेरी नज़र मेंफ़लसफ़ा ज़िन्दगी का बता दीजिये
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