{{KKGlobal}}
{{KKAnooditRachnaKKRachna
|रचनाकार=ओसिप मंदेलश्ताम
|अनुवादक=अनिल जनविजय
|संग्रह=तेरे क़दमों का संगीत / ओसिप मंदेलश्ताम
}}
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[[Category:रूसी भाषा]]
<poem>
उस
धुंधले कमरे से
अचानक
हलकी शाल ओढे़
बाहर आईं तुम
उस<br>धुंधले कमरे से<br>अचानक<br>हल्की शाल ओढे़<br>बाहर आईं तुम<br><br>किसी को<br> तकलीफ़<br>नहीं दी<br>हमने<br>सोते हुए<br>नौकरों को<br>नहीं जगाया<br><br>
(रचनाकाल : 1908)
'''मूल रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय'''
'''लीजिए अब यही कविता मूल रूसी भाषा में पढ़िए'''
Осип Мандельштам
Из полутемной залы, вдруг…
Из полутемной залы, вдруг,
Ты выскользнула в легкой шали –
Мы никому не помешали,
Мы не будили спящих слуг…
1908 г.
</poem>