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निर्वाण (मनस्वी की बुद्ध से प्रीत) / अनीता सैनी
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22 जुलाई
जेठ-दोपहरी की तपती रेत पर,
ज्यों हल जोते खेतिहर, अदृश्य खेत पर।
4.
कोरे आसमान ने सहलाया,
वीरबाला
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