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<poem>
क्यों शोर कर रहे, झूम रहे हो
ओ पतले रिबीना<ref>रूस में पाया जाने वाला एक पेड़, जिसमें लाल रंग के फल लगते हैं और बर्फ़ गिरने के बाद पेड़ पर इन फलों के लाल-लाल गुच्छे चमकते रहते हैं।</ref> पतले रिबीना !
झुक-झुक जाते हो बाड़ तक
सरदी का महीना
मैं खड़ा अनाथ अकेला
बस, यहीं झूमूंगा, गाऊँगा।
शब्दार्थ :
रिबीना = रूस में पाया जाने वाला एक पेड़, जिसमें लाल रंग के फल लगते हैं और बर्फ़ गिरने के बाद पेड़ पर इन फलों के लाल-लाल गुच्छे चमकते रहते हैं।
मूल रूसी भाषा से अनुवाद : अनिल जनविजय