भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
<poem>
क्यों शोर कर रहे, झूम रहे हो 
पतले रिबीना<ref>रूस में पाया जाने वाला एक पेड़, जिसमें लाल रंग के फल लगते हैं और बर्फ़ गिरने के बाद पेड़ पर इन फलों के लाल-लाल गुच्छे चमकते रहते हैं।</ref> पतले रिबीना !               
झुक-झुक जाते हो बाड़ तक   
सरदी का महीना                   
मैं खड़ा अनाथ अकेला     
बस, यहीं झूमूंगा, गाऊँगा। 
 
शब्दार्थ :
रिबीना = रूस में पाया जाने वाला एक पेड़, जिसमें लाल रंग के फल लगते हैं और बर्फ़ गिरने के बाद पेड़ पर इन फलों के लाल-लाल गुच्छे चमकते रहते हैं।      
मूल रूसी भाषा से अनुवाद : अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,466
edits