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|रचनाकार='कैफ़' भोपाली
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<poem>
चलो दिलदार चलो चाँद के पार चलो
हम हैं तैयार चलो
आओ खो जाएँ सितारों में कहीं
छोड़ दे आज ये दुनियाँ ये जमी
चलो दिलदार चलो चाँद के पार चलो
हम हैं तैयार चलो
हम नशे में हैं सम्भालो हमें तुम
नींद आती है जगा लो हमें तुम
चलो दिलदार चलो चाँद के पार चलो
हम हैं तैयार चलो
ज़िन्दगी ख़त्म भी हो जाए अगर
ना कभी ख़त्म हो उल्फ़त का सफ़र
चलो दिलदार चलो चाँद के पार चलो
हम हैं तैयार चलो
</poem>
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|संग्रह=
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चलो दिलदार चलो चाँद के पार चलो
हम हैं तैयार चलो
आओ खो जाएँ सितारों में कहीं
छोड़ दे आज ये दुनियाँ ये जमी
चलो दिलदार चलो चाँद के पार चलो
हम हैं तैयार चलो
हम नशे में हैं सम्भालो हमें तुम
नींद आती है जगा लो हमें तुम
चलो दिलदार चलो चाँद के पार चलो
हम हैं तैयार चलो
ज़िन्दगी ख़त्म भी हो जाए अगर
ना कभी ख़त्म हो उल्फ़त का सफ़र
चलो दिलदार चलो चाँद के पार चलो
हम हैं तैयार चलो
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