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किसान की मुनिया बाट जोह रही है साल भर से
ब्याह का जोड़ा पहनने को
सगाई पर आए कंगन
रोज़ कम से कम एक बार पहनकर हौंसती है
फर्राटा भरती रहती हैं दिन भर उसपर मोटर वाली गाडियाँ
घोलती रहती हैं शहरी कड़वाहट
गन्ने की गंवई गँवई मिठास में
धान की दूध भरी बालियों में
अब तक नहीं मिला है बाबा को मुआवजा
