भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हथौड़ा / मोहन साहिल

538 bytes added, 14:21, 20 जनवरी 2009
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मोहन साहिल |संग्रह=एक दिन टूट जाएगा पहाड़ / मोहन ...
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=मोहन साहिल
|संग्रह=एक दिन टूट जाएगा पहाड़ / मोहन साहिल
}}

<Poem>
पत्थर पर हथौड़े की
और हथौड़े पर पत्थर की
बराबर होती है चोट
जाने क्यों टूटता है हर बार
पत्थर ही नहीं देखा कभी
टूटते हुए हथौड़ा।
</poem>
Mover, Uploader
2,672
edits