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* [[सुधि करो कहा था, "प्रेम-पर्व पर पंकिल उल्कापात न हो / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
* [[क्या नहीं कहा प्रिय! "मंजु-अँगुलियाँ खेलें प्रेयसि-अलकों में / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
* [[कहते थे हे प्रिय! “स्खलित-अम्बरा मुग्ध-यौवना की जय हो / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
* [[ सुधि करो प्राण! वह भी कैसी मनहरिणी निशा अनूठी थी / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
* [[“पिंडलि पर आँकू”, कहा श्याम “लतिका दल में खद्योत लिये / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
* [[था कहा "पयोधर पर कर मेरे नील-झीन-कञ्चुकी धरें / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
* [[उचटी अनमनी प्राणधन! जब मैं विकल कर रही थी रोदन। / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
* [[कहते "इस प्रणयी से पूछो क्यों व्योम जलद से भर जाता। / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
* [[कैसे भूलूँ प्रिय, कहते थे ”ये बड़े लालची हैं लोचन । / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
* [[कहते "जब सजनि! सजल घन में छिपती-दुरती रजनीश-कला। / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
* [[चाहती मौन हो रहूँ कहूँ प्रिय तुमसे उर-उच्छ्वास नहीं। / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
* [[स्मित सिहर कमल कोमल कपोल पर मल प्रसून-परिमल ‘पंकिल’ / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
* [[/प्रेम नारायण 'पंकिल']]
* [[ / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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