भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मेरे पास / हेन्द्री स्पेशा

51 bytes added, 07:31, 9 फ़रवरी 2009
<Poem>
मेरे पास बस एक भाशःआ भाषा है
चुप्पी
मेरे पास एक पूरी दुनिया है
 
'''अनुवाद : विष्णु खरे
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,720
edits