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{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार: [[=बशीर बद्र]][[Category:कविताएँ]]}}
[[Category:गज़ल]]
[[Category:बशीर बद्र]]<poem>किस ने मुझको सदा दी बता कौन हैऐ हवा तेरे घर में छुपा कौन है
~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~बारिशों में किसी पेड़ को देखनाशाल ओढ़े हुये भीगता कौन है
किस ने मुझको सदा दी बता कौन है <br>मैं यहाँ धूप में तप रहा हूँ मगरऐ हवा तेरे घर वो पसीने में छुपा डूबा कौन है <br><br>
बारिशों में किसी पेड़ आसमानों को देखना <br>हमने बताया नहींशाल ओढ़े हुये भीगता डूबती शाम में डूबता कौन है <br><br>
मैं यहाँ धूप ख़ुशबूओं में तप रहा हूँ मगर <br>नहाई हुयी शाख़ परवो पसीने में डूबा फूल सा मुस्कुराता हुआ कौन है <br><br>
आसमानों को हमने बताया नहीं <br>डूबती शाम में डूबता कौन है <br><br> ख़ुशबूओं में नहाई हुयी शाख़ पर <br>फूल सा मुस्कुराता हुआ कौन है <br><br> दिल को पत्थर हुये इक ज़माना हुआ <br>हम मकाँ में मगर बोलता कौन है <br><br/poem>