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Kavita Kosh से
* [[चांद से फूल से या मेरी ज़ुबाँ से सुनिये / निदा फ़ाज़ली]]
* [[देखा हुआ सा कुछ है तो सोचा हुआ सा कुछ / निदा फ़ाज़ली]]
* [[दिन सलीक़े से उगा, रात ठिकाने से रही / निदा फ़ाज़ली]]
* [[दीवार-ओ-दर से उतर के परछाइयाँ बोलती हैं / निदा फ़ाज़ली]]