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नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सीमाब अकबराबादी |संग्रह= }} [[Category:गज़ल]] <poem> ग़ाफ़िल ...
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{{KKRachna
|रचनाकार=सीमाब अकबराबादी
|संग्रह=
}}
[[Category:गज़ल]]
<poem>
ग़ाफ़िल कुछ और कर दिया शमये-मज़ार ने।
आया था मैं तो नशये-हस्ती उतारने॥
हँसता है क्या बुझी हुई शमये-हयात पर।
देखी है सुबह भी तो मेरी लालाज़ार ने॥
</poem>
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<poem>
ग़ाफ़िल कुछ और कर दिया शमये-मज़ार ने।
आया था मैं तो नशये-हस्ती उतारने॥
हँसता है क्या बुझी हुई शमये-हयात पर।
देखी है सुबह भी तो मेरी लालाज़ार ने॥
</poem>