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Kavita Kosh से
*[[क्या किया मैंने कि इज़हारे-तमन्ना कर दिया/ हसरत मोहानी ]]
*[[बाम पर आने लगे वो सामना होने लगा / हसरत मोहानी ]]
*[[वस्ल की बनता बनती हैं इन बातों से तदबीरें कहीं / हसरत मोहानी ]]
*[[भुलाता लाख हूँ लेकिन बराबर याद आते हैं / हसरत मोहानी ]]
*[[फिर भी है तुम को मसीहाई का दावा देखो / हसरत मोहानी ]]