भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

वह. / अवतार एनगिल

871 bytes added, 08:28, 16 सितम्बर 2009
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अवतार एनगिल |संग्रह=मनखान आएगा / अवतार एनगिल }} <poem>...
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=अवतार एनगिल
|संग्रह=मनखान आएगा / अवतार एनगिल
}}
<poem>
वह
जो बार-बार आता है
बतियाता है
बिना शब्दों के

वह
जो बार-बार
मथता है
हथेलियों और तलवों को
बीचों-बीच
डिवाइडर की नोक से

वह
जो बार-बार आता है
और धंसता चला जाता है
बीच माथे में
डायनामाईटी बर्मे-सा

मेरा प्रिय सखा है वह
बार-बार आता है जो
हार-हार जाता है जो
मैं उसे क्या कहूँ।</poem>
Mover, Uploader
2,672
edits