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काल क्रम से- / हरिवंशराय बच्चन
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21:02, 29 सितम्बर 2009
जिसको बूझा बुकरात नहीं-
क़िस्मत
क़िस्मत
का प्यारा धन-कंचन
सहसा अपहृत हो जाने पर
गुरू ज्ञानी धोखा खाते हैं-
स्वप्नों
स्वप्नों
का
प्यारा
प्यारा
धन-कंचन
सहसा अपहृत हो जाने पर
अपना सपना,
इन्हें
इन्हें
छोड़कर जीवन जितना,
उसमें भी आकर्षक कितना!
हेमंत जोशी
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