भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
|संग्रह=सांध्यगीत / महादेवी वर्मा
}}
{{KKCatKavita}}
शून्य मन्दिर में बनूँगी आज मैं प्रतिमा तुम्हारी!<br><br>