Changes

|रचनाकार=रवीन्द्र स्वप्निल प्रजापति
}}
{{KKCatKavita‎}}
<poem>
तुम्हारे हाथों से तोड़ा आधा बिस्किट
संसार का सबसे खूबसूरत हिस्सा है
जहाँ कहीं भी आधा बिस्किट है
हमारा ही प्यार है वहाँ
तुम कहाँ-कहाँ रख देती हो अपना प्यार
बिस्किटों में चारा के सुनहरे पन साथ चाय के सुनहरेपन में
पानी के गिलास और विदा की सौंफ में
तुमने कोने दुनिया के कोने में रख दिया हैप्यारहर कहीं मिल जाता है तुम्हारा प्यारआधा बिस्किट
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,090
edits