भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

माँ / अनिल कुमार सिंह

2 bytes added, 15:55, 4 नवम्बर 2009
|संग्रह=पहला उपदेश / अनिल कुमार सिंह
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
माँ
एक भरी हुई थाली का नाम है
मैं सोचता था
जब मैं बहुत छोटा था
माँ<br>एक भरी हुई थाली का नाम है<br>मैं सोचता था<br>जब मैं बहुत छोटा था<br><br> आज मैं बड़ा हो गया हूँ<br>और सोचता हूँ<br>
कि मैं ग़लत सोचता था।
</poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,393
edits