भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
नया पृष्ठ: रचनाकार : नरेंन्द्र मोहन मेरे साथ-साथ भाग रहा जंगल दोनों तरफ औ…
रचनाकार : नरेंन्द्र मोहन
मेरे साथ-साथ
भाग रहा
जंगल
दोनों तरफ
और मैं सीधा सुरक्षित रास्ता छोड़
भाग जाना चाहता हूँ
जंगल में
एक जंगल चित्र में
एक चित्र से बाहर
मैं बाहर आ खड़ा हुआ हूँ चित्र से
जंगल में
कौन है यहाँ मेरा सगा
पुकारता मुझे !
मेरे साथ-साथ
भाग रहा
जंगल
दोनों तरफ
और मैं सीधा सुरक्षित रास्ता छोड़
भाग जाना चाहता हूँ
जंगल में
एक जंगल चित्र में
एक चित्र से बाहर
मैं बाहर आ खड़ा हुआ हूँ चित्र से
जंगल में
कौन है यहाँ मेरा सगा
पुकारता मुझे !