भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
|रचनाकार=अली सरदार जाफ़री
}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>
गांधी जी जंग का एलान कर दिया
 
बातिल से हक़ को दस्त-ओ-गरीबान कर दिया
हिन्दुस्तान में इक नयी रूह फूंककर
 
आज़ादी-ए-हयात का सामान कर दिया
शेख़ और बिरहमन में बढ़ाया इत्तिहाद
 
गोया उन्हें दो कालिब-ओ-यकजान कर दिया
ज़ुल्मो-सितम की नाव डुबोने के वास्ते
 
क़तरे को आंखों-आंखों में तूफ़ान कर दिया
</poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits