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Kavita Kosh से
क्या कहूँ अपने चमन से मैं जुदा क्योंकर हुआ
और असीरे-हल्क़ा-ए-दामे-हवा <ref> मैं, यानि तूफ़ानी हवा क़ैद हो कर कैसे रह गया</ref> क्योंकर हुआ
जाए हैरत है बुरा सारे ज़माने का हूँ मैं