भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सौदा }} <poem> राज़े-दिल फ़ाश किया मैंने मिरी साक़ी प…
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सौदा
}}
<poem>
राज़े-दिल फ़ाश किया मैंने मिरी साक़ी पर
कुछ न देखा मैं बजुज़ पर्दादरी शीशे में
दिल में जिस रंग से ’सौदा’ के गुज़रती है लहर
मौजै-मै कर न सके ज़ल्वागरी शीशे में
</poem>