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भू भू हा हा / लाल्टू

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<poem>दिन ऐसे आ रहे हैं
सूरज से शिकवा करते भी डर लगता है

किसी को कत्ल होने से बचाने जो चले थे
सिर झुकाये खड़े हैं
दिन ऐसे आ रहे हैं

कोयल की आवाज़ सुन टीस उठती
फिर कोई गीत बेसुरा हो चला
दिन ऐसे आ रहे हैं

भू भू हा हा ।</poem>
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