भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

यह रास्ता / शलभ श्रीराम सिंह

1,093 bytes added, 13:50, 20 दिसम्बर 2009
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शलभ श्रीराम सिंह |संग्रह=उन हाथों से परिचित हूँ…
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=शलभ श्रीराम सिंह
|संग्रह=उन हाथों से परिचित हूँ मैं / शलभ श्रीराम सिंह
}}
{{KKCatKavita‎}}
<poem>
यह रास्ता परेशानी का है
इसी पर चला जाए पहले।

यह रास्ता सुख का है
बच्चों से कहो इस पर आगे बढें।

यह रास्ता कुनकुनी धूप और
ताज़ा हवाओं का है
औरतों को इस रास्ते से गुज़ारा जाए
बे-झिझक।

यह रास्ता नए सपनों और नई मंजिलों का है
पूरी कौम को उतारा जाए इस पर।

यह रास्ता भविष्य का है
इस पर हम सब को साथ-साथ चलना है।


रचनाकाल : 1991, विदिशा
</poem>