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Kavita Kosh से
कैसे तूफ़ाँ से न घबराएँ बताए कोई
क्यों न मिलती रहें सुविधाएँ बताए कोई
सिर्फ़ आज़ादी हो, रोटा रोटी हो न कपड़ा न मकान
लोग फिर गाएँ या चिल्लाएँ बताए कोई
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