भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शीन काफ़ निज़ाम |संग्रह=सायों के साए में / शीन का…
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=शीन काफ़ निज़ाम
|संग्रह=सायों के साए में / शीन काफ़ निज़ाम
}}
{{KKCatGhazal‎}}‎
<poem>
आँख दे आईना दे
लेकिन पहले चेहरा दे

दरिया जैसा सहरा दे
उस में एक जज़ीरा दे

लौटा ले अपनी बस्ती
मुझ को मेरा सहरा दे

मैं पैदल वो घोड़े पर
सर नेज़े से ऊँचा दे

रहने दे जलती धरती
तू सूरज को साया दे

हिरणी जैसी आँखों को
सहराओं का सपना दे
</poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
3,286
edits