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|रचनाकार=रंजना जायसवाल
|संग्रह=मछलियाँ देखती हैं सपने / रंजना जायसवाल
}}
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<poem>
स्त्री के पास
जल से भरी
दो आँखो के अलावा
होती है
एक तीसरी आँख भी
जान-समझ लेती है
जिससे
अपने-पराये का
सारा सच...
और बहाती है
रक्त के आँसू...।
</poem>
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|संग्रह=मछलियाँ देखती हैं सपने / रंजना जायसवाल
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स्त्री के पास
जल से भरी
दो आँखो के अलावा
होती है
एक तीसरी आँख भी
जान-समझ लेती है
जिससे
अपने-पराये का
सारा सच...
और बहाती है
रक्त के आँसू...।
</poem>